ये अंधेरों की पैरवी वाले (Ye Andheron Ki Pairavi Wale / Harivallabh Sharma ‘Hari’)

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हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’ भावुक मनोवृत्ति के रचनाकार हैं। मार्मिकता के कारण ग़ज़लें प्रभावशाली हैं। ग़ज़लों में यथार्थबोध के साथ अनुभूतियों की गहराई है, संवेदनाओं की तरलता और रोजमर्रा की ईमानदारी का सच है।
इनकी ग़ज़लों में मानवीकरण की संवेदनशील प्रस्तुति है। अपनी मुखरता को व्यापक बनाने वाली ग़ज़लें भोगे हुए यथार्थ के करीब हैं। जो कुछ भी देखा है, सुना है, भोगा है, उसी सच को वाणी देने का काम इन ग़ज़लों द्वारा किया गया है। ग़ज़लें अपनी अर्थवत्ता स्वयं बयान करती हैं।

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