फूल-फूल पर जाए तितली (Phool Phool Par Jaye Titali / Neeta Awasthi)

100.00

Minus Quantity- Plus Quantity+
Buy Now

हाँ, यह निर्विवाद रूप से सही है कि बच्चों की रुचि कविताओं में अधिक रहती है। लेकिन वे उन्हीं कविताओं को कंठस्थ करते हैं जिनमें छंदों का पूर्ण निर्वाह किया गया हो। अक्सर बाल कविता के नाम पर बाल पाठकों के समक्ष कुछ भी परोस दिया जाता है जो बच्चों और बाल-साहित्य दोनों के लिए ही नुकसान देह है। बाल-साहित्यकारों को पूर्ण निष्ठा के साथ बाल-साहित्य को अच्छे साहित्य का दर्ज़ा प्राप्त होगा।
आज के दौर में भी अनेक बाल-साहित्यकार अपनी सृजनधर्मिता का दायित्व बख़ूबी निभा रहे हैं। नीता अवस्थी भी एक ऐसी ही महिला रचनाकार हैं जिन्होंने बाल-साहित्य भी ख़ूब लिखा है। ‘साथी बढ़ते जाना’ (बालकाव्य-संग्रह) के बाद ‘फूल-फूल पर जाए तितली’ उनका दूसरा बालकाव्य-संग्रह है जिसमें बालरुचि के अनुरूप विभिन्न विषयों पर केंद्रित 24 बाल कविताएँ रखी गयी हैं।

Shopping Cart