Discount 16%

मुड़ के देखो मुझे (Mud Ke Dekho Mujhe / Dr. Geeta Sharma)

250.00

Buy Now

ईमानदारी गीता जी की कहानियों की ख़ासियत है। वे विकलांग किरदार या समाज को किसी आदर्श की तरह प्रस्तुत करने की अपेक्षा उसे जीवन के वास्तविक कैनवास पर उकेरती हैं। ‘प्लेकार्ड’ कहानी में उन्होनें सारंग को पश्चाताप करते चित्रित किया है। ‘गूंगी गुड़िया’ की सौम्या का किरदार एक ऐसे समाज के बारे में बात करता है जो विकलांगजन की अक्षमता का लाभ उठाने की फ़िराक़ में रहता है। ‘उड़ता पहाड़ और तारों भरी रात’ कहानी डिप्रेशन की समस्या को सामने रखती है – डिप्रेशन – जिसे लोग विकलांगता मानते ही नहीं। मानसिक समस्याओं को हमारे समाज ने अभी तक गंभीरता से देखना शुरु नहीं किया है। आज भी अनेक प्रकार की मानसिक समस्याओं से प्रभावित लोगों को ‘पागल’ का ठप्पा लगा कर मुख्यधारा से काट दिया जाता है।

  • ललित कुमार (संस्थापक, कविता कोश)
Author

डॉ. गीता शर्मा

Format

Paperback

ISBN

978-93-95432-63-4

Language

Hindi

Pages

160

Publisher

Shwetwarna Prakashan

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “मुड़ के देखो मुझे (Mud Ke Dekho Mujhe / Dr. Geeta Sharma)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top