अजर अमर हनुमान भारत के सनातन धर्म के प्रतीक और प्रतिनिधि हैं। वे वन-संस्कृति और जन संस्कृति में क्रांति लाते हैं। गिरि, गुहा और वृक्षों के बीच रहने वाले वानरों के रूप में उपेक्षित मानव जाति की चिन्ता करते हैं, उनके प्रशिक्षक बनाकर उन्हें नियम, मर्यादा और भाषा का ज्ञान देते हैं। हनुमान बल, बुद्धि और विद्या के आगार हैं। समूची राम-कथा में वे प्रेम, करुणा और भक्ति की प्राणधारा बनकर प्रवाहित होते हैं।
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