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कहानियाँ बाल मन की (Kahaniyan Baal Man Ki / Manohar Chamoli ‘Manu’)

Rated 4.82 out of 5 based on 17 customer ratings
(17 customer reviews)

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लोकप्रिय साहित्यकार मनोहर चमोली ‘मनु’ की पुस्तक ‘कहानियाँ बाल मन की’ का द्वितीय संस्करण आप के हाथों में है। इस किताब में बच्चों की दुनिया है। उनकी आवाज़ें हैं।
कहानियों में अनुमान, कल्पना, मस्ती, आनन्द और रोमांच है। बचपन की सतरंगी यादें हैं। कहानियाँ सीख,सन्देश और उपदेश नहीं देती। हाँ! कहानियों में ऐसी महक ज़रूर है जिनसे दिल-दिमाग़ खुशी से झूमने लगता है। पाठक को यही चाहिए। कहानियों का पहला काम यही होना चाहिए।

Lokapriya saahityakaar Manohar Chamoli ‘Manu’ ki pustak ‘baal man ki kahaaniyaan’ aapake haathon men hai. Is kitaab men bachchon ki duniya hai. Unaki aavaazen hain.
Kahaaniyon men anumaan, kalpanaa, mastee, aanand aur romaanch hai. Bachapan ki satarangi yaaden hain. Kahaaniyaan seekh,sandesh aur upadesh naheen detee. Haan! kahaaniyon men aisi mahak zaroor hai jinase dil-dimaag khushi se jhoomane lagata hai. PaaThak ko yahi chaahie. Kahaaniyon ka pahala kaam yahi hona chaahie.

Author

मनोहर चमोली 'मनु'

Format

Hardcover

ISBN

978-93-92617-73-7

Language

Hindi

Pages

204

Publisher

Shwetwarna Prakashan

17 reviews for कहानियाँ बाल मन की (Kahaniyan Baal Man Ki / Manohar Chamoli ‘Manu’)

  1. Rated 4 out of 5

    Manohar Chamoli ‘manu’ (verified owner)

    नमस्कार! बतौर रचनाकार मैं यह अवश्य कहना चाहूंगा कि यह किताब भले ही बाल मन के आनंद को बढ़ाने के लिए प्रकाशित की गई है। लेकिन बच्चों की अलग दुनिया नहीं होती। वे भी इस एक अकेली धरती के बाशिंदे हैं। वे हमारे साथ ही बड़े होते हैं। बच्चों को आयु के साथ मस्तिष्क से भी छोटा मानना गलत धारणा है। बहरहाल इस पुस्तक में फैण्टेसी, मानवीय मूल्य, अनुमान और कल्पना, पशु-पक्षियों के अन्तर्सम्बन्ध, इस धरती के जीव-जगत की संवेदनाएँ,एक-दूसरे के प्रति पारस्परिकता और आवश्यकता, पृथ्वी में जीवन बना और बचा रहे, इस बात की चिंता, निर्जीव वस्तुओं का मानवीकरण कर रोचकता के साथ समाज में उपेक्षा के शिकार मनुष्यों को आवाज़ देने की कोशिश कहानियों में दिखाई देती है। इन कहानियों को एक ओर कक्षा-कक्ष में पढ़ा-पढ़ाया जा सकता है वहीं कई कहानियों का नाट्य रुपान्तरण भी संभव है। उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी। अपनी ही किताब को साधारण नहीं तो असाधारण भी नहीं कह सकता। इसलिए अस्सी फीसदी वज़न देना गलत भी नहीं होगा। यानि चार स्टार। आप खरीदकर पढ़ेंगे और रेटिंग देंगे तो मुझे बेहद खुशी होगी।

  2. Rated 4 out of 5

    manohar (verified owner)

    बाल मन की कहानियाँ (Baal Man Ki Kahaniyan / को किताब के टाइटल के अनुसार कहानियाँ बाल मन की होना चाहिए। सर्च करने में आसानी रहेगी। सादर,

    • Shwetwarna Prakashan

      Done… thank you

  3. Rated 5 out of 5

    Manohar (verified owner)

    ok

  4. Rated 5 out of 5

    डा. अनुपमा गुप्ता (verified owner)

    संग्रह की कहानियाँ रुचिकर हैं, कौतूहल जगाती हैं । कहानियों में नाटकीयता का तड़का है और नवाचार की सुगंध भी ।
    सूक्ष्म निरीक्षण और उसकी सशक्त अभिव्यक्ति कहानियों को मनोवैज्ञानिक दृष्टि से एक नई ऊँचाई देती है । कहानियों के माध्यम से नई दृष्टि के साथ-साथ सकारात्मक चिंतन देने का हुनर भी लेखक के पास है ।
    महत्वपूर्ण बात यह है कि इतनी उम्दा , मनोरंजक , संदेशपरक कहानियाँ गढ़ने में न तो बड़े-बड़े कठिन वाक्यों का न ही मुहावरे वाली लच्छेदार भाषा का प्रयोग किया गया है उल्टे बहुत छोटे-छोटे वाक्यों को पूर्णविराम से अलग करते हुए पूरी बात कह दी गई है । कहानी के चित्रण में ,बीच के अनावश्यक विस्तार से बचा गया है जिससे कहानियाँ छोटी रोचक ,सहज और सुपाच्य भी बन पड़ी हैं।

  5. Rated 5 out of 5

    Ravindra kumar

    Good books …

  6. Rated 5 out of 5

    Ravindra kumar

    Nice books

  7. Rated 5 out of 5

    ANITA

    baal jivan,bachche our school ke sath bachpan ke kai rang kahaniyon men hain.maine sabhee kahaniyaan padhi hain.gud

  8. Rated 5 out of 5

    रविन्द्र ममगाई

    उत्तम

  9. Rated 5 out of 5

    रविन्द्र ममगाई

    उत्तम ज्ञानवर्धक

  10. Rated 4 out of 5

    Mohan Chauhan

    बेहतरीन कहानी संग्रह है ” कहानियां बाल मन की” । इस कहानी संग्रह में सभी कहानियां भाषा और बाल मनोविज्ञान की दृष्टि से उत्कृष्ठ हैं। बहुत सरल, सहज और रोचक ढंग से लेखक ने बाल मन के कई आयामों को छुआ है।

  11. Rated 5 out of 5

    Ravindra Mamgai

    Nice book for children

  12. Rated 5 out of 5

    नीलम शर्मा

    कहानियाँ बालमन की हदय को छूने वाली हैं संवाद सरल छोटे हैं रोचक व मजेदार हैं कहानियों के नाम भी पढ़ने की उतसुकता को बढ़ाते हैं कहानियों में संदेश को थोपा नहीं गया है पर मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है

  13. Rated 5 out of 5

    मनोहर चमोली ‘मनु’ (verified owner)

    आप स्वयं संवेदनशील कवयित्री हैं । इस स्नेह के लिए आभारी हूँ ।

  14. Rated 5 out of 5

    मनु (verified owner)

    आप सभी का सादर आभार ।

  15. Rated 5 out of 5

    अनुप्रिया

    एक किताब जिसकी कहानियाँ बच्चों के मन में उतरती है,उनसे सवाल करती है,उन्हें सोचने को बाध्य करती है,उन्हें हँसाती है।इस किताब का हिस्सा होना मेरे लिए सुखद अनुभूति है और सुंदर स्मृति भी।एक बगीचा कह सकती हूँ जिसमें हर किस्म के फूल खिले हों।

  16. Rated 5 out of 5

    Anita

    Shandaar.

  17. Rated 5 out of 5

    मनोहर (verified owner)

    shukriya

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