दो पाटन के बीच (Do Patan Ke Beech / Prem Chand Gupta)

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‘दो पाटन के बीच’ प्रेम चंद गुप्त की कविताओं का ऐसा संग्रह है जो हमें कल्पना लोक में विचरण नहीं कराता अपितु हमारे समय के यथार्थ को प्रकट कर हमें चिंतन और मनन करने हेतु विवश करता है। इस संग्रह की कविताएँ एक ऐसे संवेदनशील मन की अभिव्यक्तियाँ हैं, जिसने हमारे सामाजिक और राजनीतिक जीवन की विसंगतियों का तीव्रता से अनुभव किया है और उससे मुक्त होने की छटपटाहट उनके मन मस्तिष्क को उद्वेलित कर उसे अभिव्यक्त करने को विवश करती रही है। कवि ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए सहज सरल भाषा को माध्यम बनाया है न कि दुरूह शब्दावली, वाग्वैचित्र्य और आलंकारिक काव्याडंबरों के द्वारा अपनी विद्वता प्रदर्शित करने का माध्यम। इन कविताओं में कवि ने अनुपम दृश्य बिंबों और शब्दचित्रों के माध्यम से कथ्य को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। जिसके कारण ये कविताएँ पाठक को बांधकर उन तक अपने मंतव्य को संप्रेषित करने में समर्थ हुई हैं।

Author

Prem Chand Gupta

Format

Paperback

ISBN

978-81-972569-8-1

Language

Hindi

Pages

152

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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