आपसे रिश्ता रहा (Aapse Rista Raha / Vigyaan Vrat)

299.00

Buy Now
Category:

विज्ञान व्रत हिंदी ग़ज़ल के सुप्रतिष्ठित हस्ताक्षर हैं। उन्होंने शब्दों को बहर की चाक पर गढ़ने के साथ-साथ अपनी कूची से भाव को भी उकेरा है। एक चित्रकार जब ग़ज़लकार होता है, तो उसकी ग़ज़लें कम शब्दों में मारक अभिव्यक्ति स्वयं धारण कर लेती है। विज्ञान व्रत रंगों से खेलते हैं, रेखा चित्रों के माध्यम से बात करते हैं और ग़ज़लों को जीते हैं। अधिकांश शायर जहाँ बड़ी बहरों की गज़लें कहने में यक़ीन करते हैं, वहीं विज्ञान व्रत छोटी बहरों में बड़ी से बड़ी बात आसानी से कह जाते हैं। कहना न होगा कि ग़ज़ल में छोटी बहर में अपनी बात कहना सबसे मुश्किल होता है। विज्ञान व्रत ने कहन का सर्वथा अलग अंदाज़ विकसित किया है। उन्होंने जब छोटी बहर में ही ग़ज़ल कहना शुरू किया होगा तो उनके लिए भी यह किसी चुनौती से कम नहीं रहा होगा। यह हुनर सतत साधना की माँग करता है। विज्ञान व्रत ने इसे काफ़ी कठिन तपस्या के बाद ही अर्जित किया होगा।

ISBN

978-81-973380-3-8

Author

विज्ञान व्रत

Language

Hindi

Pages

180

Publisher

Shwetwarna Prakashan

Format

Hardcover

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “आपसे रिश्ता रहा (Aapse Rista Raha / Vigyaan Vrat)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top