कहानियाँ जहाँ की क्षणाभूतियों की व्याख्यात्मक समीक्षा होती है वहीं उपन्यास संपूर्ण जीवन वृत्त की सामूहिक घटनाओं का समग्र मनोवैज्ञानिक आकलन और सांप्रतिक आलेखन होता है। व्यक्ति परिवार समाज देश संस्कृति सभ्यता-जनित देश-काल परिस्थितियों के सम्यक विश्लेषण के साथ समीक्षात्मक व्याख्या होता है, उपन्यास। यही है सफल उपन्यास का आत्म प्रलेख। प्रस्तुत उपन्यास एक शोकांतिका है जो तीन परिवारों-प्रकांतर के चार परिवारों के व्यक्तिक, सामाजिक आर्थिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक चिंतन और क्रियात्मक परिवेश का अभिलेख है। सभी परिवार मध्यवर्गीय हैं फिर भी उन सबों को अपनी-अपनी अलग-अलग सोच परिस्थितियों तथा जीने का अपना अलग अंदाज है जो उनकी खास पहचान है।
Author | चाँदनी समर |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-981491-1-4 |
Language | Hindi |
Pages | 200 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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