रूबी भूषण हिन्दी ग़ज़ल की ऐसी ग़ज़लकारा हैं जो अपनी ग़ज़लों में जीवन की सच्चाइयों को ही लेखन का आधार बनाती है। इनकी ग़ज़लों में जीवन के सुख-दुख, वात्सल्य, रिश्तों के प्रेम एवं परिवारिक जीवन की एक ऐसी तस्वीर मिलती है जिसमें हर कोई अपने चेहरे की तलाश करता है। इसी जीवन की तलाश में इनकी ग़ज़लें पाठकों के समक्ष आती हैं और जीवन को एक सुकून देकर चुपके से आगे बढ़ जाती हैं।
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