बृजनाथ श्रीवास्तव मूल्यनिष्ठ चिंतन वैचारिक संवेदना, युग के विद्रूपित यथार्थ की अभिव्यंजना, भाषा के अर्थगर्भी सार्थक प्रयोग और अपने समय के हर प्रश्न से टकराकर उसका उत्तर पाने की कोशिश करने वाले गीतधर्मा रचनाकार हैं। अपनी समकालीन जीवन की हर धड़कन की अभिव्यक्ति की प्रतिश्रुति, साधारण भाषा से असाधारण अभिव्यंजना, मिथकों का अर्थादोहन, प्रतीकों की नूतन योजना और उत्कृष्ट बिम्बधर्मिता के कारण इनके नवगीत असाधारण प्रतीत होते हैं।
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