तस्वीर कहीं तो है (Tasweer Kahin To Hai / Aniruddh Sinha)

199.00

Minus Quantity- Plus Quantity+
Buy Now

पंक्ति के रचनाकारों में से एक हैं। वर्षो की साधना ने उनके रचना संसार को एक संस्था बना दिया है। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर जितना लिखा जाए वह कम है। वे स्वयं तो उर्जित एवं जाग्रत हैं ही, अपने समानधर्माओं को भी साथ लेकर चलना और नई पीढ़ी के रचनाकारों को प्रोत्साहित करते हुए निस्वार्थ भाव से उनका मार्गदर्शन करते रहना उनके स्वभाव का हिस्सा है। प्रस्तुत संग्रह में यक़ीनन वह तत्त्व है जो पाठक की स्मृति पर स्थायी छाप छोड़ने में सक्षम है। यह कहना आवश्यक है कि हिन्दी ग़ज़ल बधाई की पात्र है कि उसके पास अनिरुद्ध सिन्हा जी जैसे ग़ज़लकार हैं और सक्रिय हैं। – विजय कुमार स्वर्णकार

Shopping Cart