गणेश गम्भीर सतत् चिन्तनशील नवगीतकार है इसीलिए उनके नवगीतों का वैचारिक पक्ष अंधानुकरण के स्थान पर तर्क-शक्ति को महत्व देता है। रचना के विषय, अन्तर्वस्तु एवं शिल्प तीनों ही स्तर पर उनकी प्रयोगधर्मिता स्पष्ट अनुभव की जा सकती है। वह उन थोड़े से रचनाकारों में से हैं जिनमें अपने कथ्य को छंद में अटा लेने का कौशल है इसीलिए प्रयोगधर्मी शैल्पिक विविधता के बावजूद वह कहीं भी छंद की छूट नहीं लेते। आम आदमी का जीवन-संघर्ष, उसकी मन:स्थिति एवं उसके जीवन के विविध पक्षों के अतिरिक्त उत्तर आधुनिक सन्दर्भों पर विचार करते हुए उन्हें अपनी कविता का कथ्य बनाना उनकी अतिरिक्त विशिष्टता है।
Author | Shubham Shriwastava 'Om' |
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Format | Hardcover |
ISBN | 978-93-90135-64-6 |
Language | Hindi |
Pages | 144 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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