‘सत्याना प्रयोगो अथवा आत्मकथा’ नाम से गांधी जी ने गुजराती भाषा में लिखे अपने जीवन अनुभवों का जो संकलन प्रकाशित कराया था, आज वह पुस्तक लगभग हर भाषा में अनुदित है। हिन्दी में यह पुस्तक ‘सत्य के प्रयोग’ नाम से प्रकाशित होती आई है। पाठकों के लिए उपलब्ध ‘सत्य के प्रयोग’ पुस्तक का अधिकांश संस्करण अधूरा ही है। यह अधूरापन पाठकों के मन में कई भ्रांतियाँ उत्पन्न कर सकता है। ‘सत्य के प्रयोग’ गांधी जी द्वारा लिखित ‘सत्याना प्रयोगो अथवा आत्मकथा’ का काशिनाथ त्रिवेदी जी द्वारा किया गया अनुदित रूप है। ‘श्वेतवर्णा क्लासिक्स’ के अंतर्गत यह पुस्तक बिना किसी संशोधन या संक्षेपण के मूल कृति के अनुवाद रूप में पाठकों के समक्ष है।
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Author | महात्मा गांधी |
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Format | Hardcover |
ISBN | 978-93-95432-53-5 |
Pages | 528 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
Translator | काशिनाथ त्रिवेदी |
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