‘साधना के स्वर’ साधना भगत का प्रथम काव्य-संग्रह है, जिसमें विभिन्न विषयों पर उन्होंने अपनी लेखनी से उद्गार प्रकट किये हैं। लेकिन नारी की व्यथा और प्रेम के संसार को ही उन्होंने प्रमुखता दी है। उन्हें यह एहसास है कि मुस्कुराहट से ही दुनिया में परिवर्तन लाया जा सकता है। यही उनकी कविताओं का केन्द्रीय भाव है।
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