रसात्मिका पंडित रत्नेश उपाध्याय जी का दूसरा काविता संग्रह है। इस संग्रह की कविताएँ सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों का उत्थान करने वाली हैं। इनमें एक तरफ़ जहाँ शास्त्रीय दर्शन है वहीं दूसरी तरफ़ जीवन की मूलभूत चेतना तथा राष्ट्रीय का सम्यक स्वर है।
रसात्मिका पंडित रत्नेश उपाध्याय जी का दूसरा काविता संग्रह है। इस संग्रह की कविताएँ सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों का उत्थान करने वाली हैं। इनमें एक तरफ़ जहाँ शास्त्रीय दर्शन है वहीं दूसरी तरफ़ जीवन की मूलभूत चेतना तथा राष्ट्रीय का सम्यक स्वर है।
Reviews
There are no reviews yet.