पुष्प का आत्मबोध (Pushp Ka Atmbodh / Yatri Ganga Dhanauri)

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‘पुष्प का आत्मबोध’ यात्री गंगा धनौरी का पहला काव्य संग्रह है। चार खण्डों में बँटी इस संग्रह की कविताएँ कवि के आत्मचिंतन, आत्मबोध का परिणाम हैं। वे साहित्य को समाज की धरोहर मानते हैं। वे कहते हैं उन्होंने जीवन में जो प्रकाश पाया है उसे साहित्य के माध्यम से समाज को लौटाना चाहते हैं।

Author

Yatri Ganga Dhanauri

Format

Paperback

ISBN

978-81-19590-23-0

Language

हरियाणवी

Pages

92

Publisher

Shwetwarna Prakashan

1 review for पुष्प का आत्मबोध (Pushp Ka Atmbodh / Yatri Ganga Dhanauri)

  1. Mangat

    Fantastic book 👏

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