प्रश्न पूछने लगी ग़ज़ल (Prashn Poochhne Lagi Ghazal / Ramakant)

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समकालीन हिंदी ग़ज़लकारों में रमाकांत अपनी साफ़गोई और प्रश्नाकुलता के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी ग़ज़लें प्रायः हर मोर्चे पर हमारे हिस्से के समय से जूझती. टकराती और खुलकर बतियाती हैं। वे सिर्फ़ लिखने के लिए लिखने वाले शायरों में नहीं हैं, अपितु अपनी बेचैनी, सवाल पूछने की ज़िद और जीवन-संघर्षो को अपने लेखन में लफ़्ज-दर- लफ़्ज ढालते हुए ग़ज़लों का आकार देते हैं। भाषा, कथ्य और शिल्प, रचनाकर्म के तीनों टूल्स’ उनके यहाँ हथियार की तरह इस्तेमाल होते हैं।

Author

रमाकान्त

Format

Paperback

ISBN

978-93-90135-90-5

Language

Hindi

Pages

112

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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