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नयी सदी के दोहे (Nayi Sadi Ke Dohe / Raghuvindra Yadav & Shailesh Gupt)

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‘नयी सदी के दोहे’ इक्कीसवीं सदी के 53 महत्वपूर्ण दोहकारों के बिम्बधर्मी दोहों का संकलन है। समकालीन यथार्थ को अभिव्यक्त करते इन दोहों में जहाँ आधुनिकता बोध है, वहीं कलात्मक विशेशताएँ भी।

‘Nayi Sadi Ke Dohe’ ikkeesaveen sadi ke 53 mahatvapoorN dohakaaron ke bimbadharmi dohon ka sankalan hai. Samakaaleen yathaarth ko abhivyakt karate in dohon men jahaan aadhunikata bodh hai, vaheen kalaatmak visheshataaen bhee.

Author

सम्पादक- रघुविन्द्र यादव, डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’

Format

Paperback

ISBN

978-93-92617-37-9

Language

Hindi

Pages

136

Publisher

Shwetwarna Prakashan

2 reviews for नयी सदी के दोहे (Nayi Sadi Ke Dohe / Raghuvindra Yadav & Shailesh Gupt)

  1. डॉ0सतीश चंद्र शर्मा “सुधांशु”

    मित्रो! कल डाक से साझा दोहा संकलन “नयी सदी के दोहे” प्राप्त हुआ।इस संकलन की विशेषता यह है कि इसमें सिर्फ प्रतीकों एवम बिंबों पर आधारित दोहों को ही सम्मिलित किया गया है।देश भर से लगभग 70 दोहाकारों ने दोहे भेजे थे उनमें से 53 दोहाकारों के दोहे मानक पर सही उतरने पर चयन किये गए।जिनके दोहे चयनित हुए उनमें से एक भाग्यशाली मैं भी हूँ।सम्पादन देश के दोहा/कुण्डलिया छंद के मर्मज्ञ आदरणीय रघुविन्दर यादव व डॉ0 शैलेश गुप्त “वीर” ने किया है।

  2. रवि खण्डेलवाल

    रघुविन्द्र यादव Raghuvinder Yadav व शैलेष गुप्त ‘वीर’ Shailesh Veer के संयुक्त संपादन में प्रकाशित एवं श्वेतवर्णा प्रकाशन Shwetwarna Prakashan द्वारा प्रकाशित समकालीन दोहों का यह संकलन पारंपरिक अभिव्यक्ति से इस मायने में अलग और महत्वपूर्ण है कि इस संकलन में रचनाकारों ने अपने समकाल को एक दम नये प्रतीक और बिंबों के माध्यम से शिल्प को यथावत रखते हुए भाषागत सौन्दर्य अपना कर कथ्य को नवीन शब्द संयोजन के साथ सजाया और संवारा है ।

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