जब हम विश्व के तमाम देशों की आर्थिक, सामाजिक व उनके विकास की गति का अवलोकन करते हैं तो यह तथ्य सामने आता है कि कई देश जो भारत के बाद स्वतंत्र हुए, वह विकसित देशों की सूची में आ गये, परन्तु भारत की स्थिति विकासशील देशों के साथ ऐसे देश की बराबरी करने में अभी भी बहुत पीछे है। देश के विभिन्न आयामों का विश्लेषण करने पर यह पता चलता है कि यहाँ के लोगों में जहाँ एक ओर देश के प्रति वफादारी में कमी है, वहीं दूसरी ओर व्यक्ति अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए मानवीय मूल्यों को नहीं समझ पा रहा है तथा ऐश्वर्यपूर्ण जीवन की इच्छा पर आर्थिक रूप से विपन्न परिवारों में प्रखर समझदारी का अभाव होने के कारण वह विभिन्न प्रकार की नशे की वस्तुओं अथवा पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, जो उनके स्वयं के परिवार, समाज तथा देश हितों के विरूद्ध है। इस पुस्तक को लिखने का आशय सामान्य जन को नशे के कारण होने वाले दुष्परिणामों को बता कर उन्हें जाग्रत करने का है।
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