मेरे राम (Mere Ram / Harinarayan Singh ‘Hari’)

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राम शाश्वत छंद और अनंत संगीत हैं। कवि ने छंदानुशासन में रखते हुए इन गीतों को शिष्टता के संगीत-शिखर की ओर भक्ति-भाव और भारतीय वैभव-संयुक्त मन से जाने दिया है। राम के निमित्त लिखे गये इन गीतों में अनेकानेक ऐसे संदर्भ हैं जिनकी खोज-खबर समीचीन और उपयुक्त है। राम की शक्ति सीता, जनकपुर और बज्जिकांचल भी इन गीतों में कभी मुखर तो कभी मौन होकर प्रवाहित हैं। प्रत्यक्ष और अंतर्लीन समस्त भावधाराएँ स्पंदित, उद्वेलित और आनंदित के साथ ही आंदोलित भी करती हैं। कवि हरिनारायण सिंह हरि ने राम-गुण-गाथा गाकर अतीत और भविष्य के अमृतमय वातावरण को एकरूप कर दिया है। सूक्तियों की तरह पंक्तियों को प्रेरणादायी रूप में उद्धृत किया जाएगा ऐसा विश्वास इन रचनाओं को पढ़ते हुए सहज ही होता है। माला के मनकों की तरह एक-एक गीत प्रेरक, पावन और भावपूर्ण हैं।

Author

हरिनारायण सिंह ‘हरि’

Format

Paperback

ISBN

978-81-970224-6-3

Language

Hindi

Pages

80

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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