महाराणा प्रताप (Maharana Pratap / Suryakant Tripathi ‘Nirala’)

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इस पुस्तक की भाषा-शैली और तथ्यपरकता इसे महाराणा प्रताप की ऐतिहासिक जीवनी का महत्व प्रदान करती है।
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ (21 फ़रवरी 1897 – 15 अक्तूबर 1961) हिंदी साहित्य के छायावाद के प्रमुख चार स्तम्भों में से एक थे। वे एक लेखक, कहानीकार, कवि, उपन्यासकार, निबंधकार एवं सम्पादक भी थे परंतु उन्हें उनकी कविताओं से अधिक प्रसिद्धि मिली। निराला को प्रगतिवाद, प्रयोगवाद और नई कविता का जनक माना जाता है।

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