महकती हुई रात होगी (Mahakti Hui Raat Hogi / Vasant Jamshedpuri)

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इस ग़ज़ल संग्रह में कुल 100 ग़ज़लों को शामिल किया गया है जो शाइर के ज़हनी मेयार, अफ़कार और तख़य्युल की उड़ान की मिसाल हैं। इस शेरी मज्मूए की वर्क़ गर्दानी करते हुए मैंने पाया कि इस मज्मूए में मआशरे के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हुए कई शब्द चित्र उकेरे हैं शाइर ने। इस संकलन को किसी एक विषय में बाँधकर नहीं देखा जा सकता।

Author

वसंत जमशेदपुरी

Format

Paperback

ISBN

978-93-90135-89-9

Language

Hindi

Pages

112

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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