क्या लिखूँ क्या रहने दूँ (Kya Likhun Kya Rahne Doon / Kusum Yadav)

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‘क्या लिखूँ क्या रहने दूँ’ रूपी कलश का सम्पूर्ण सरस और सुवासित नीर पेय है। कवयित्री कुसुम यादव जी ने तुकबंदीपूर्ण तथा अलंकारों से सुशोभित इस काव्य संग्रह में सभी रसों का समावेश कर हिन्दी साहित्य की काव्य विधा में विशिष्ट योगदान देकर गौरव का स्थान प्राप्त किया है। अंग्रेजी भाषा की प्राध्यापिका होने के बावजूद हिन्दी भाषा के प्रति इनका प्रेम, समर्पण तथा साधना के द्वारा काव्य रचना के लिए मैं उनका बहुत- बहुत धन्यवाद करता हूँ। भविष्य में अपनी रचना-धर्मिता का अनवरत प्रयास कर हिन्दी काव्य रचना को गतिमान बनाए रखेंगी, इसी आशा के साथ बहुत- बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। – लीलाधर जोशी शास्त्री

Author

कुसुम यादव

Format

Paperback

ISBN

978-93-90135-70-7

Language

Hindi

Pages

216

Publisher

Shwetwarna Prakashan

4 reviews for क्या लिखूँ क्या रहने दूँ (Kya Likhun Kya Rahne Doon / Kusum Yadav)

  1. Sankalp

    Good one

  2. Pooja Kumari

    Barrid

  3. Pooja Kumari

    Barrod

  4. Soumya

    Very good

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