हिन्दी काव्य में एक तरह से छायावाद की स्थापना का श्रेय जयशंकर प्रसाद को जाता है। इनके द्वारा रचित खड़ी बोली के काव्य में न केवल कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एवं व्यापक आयामों के चित्रण की शक्ति भी संचित हुई और ‘कामायनी’ तक पहुँचकर वह काव्य प्रेरक शक्तिकाव्य के रूप में भी प्रतिष्ठित हो गया। मात्र आठवीं तक औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद स्वाध्याय द्वारा उन्होंने संस्कृत, पाली, हिंदी, उर्दू व अंग्रेजी भाषा तथा साहित्य का विशद ज्ञान प्राप्त किया। जयशंकर प्रसाद ‘छायावाद’ के कवि थे। वह एक प्रयोगधर्मी रचनाकार थे। हिंदी साहित्य में प्रसाद जी ने कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया। इस पुस्तक में उनकी 10 कहानियाँ संकलित हैं।
Books, Kavita Kosh Prastuti
दस कहानियाँ (Dus Kahaniyan / Jayshankar Prasad)
₹199.00
Categories: Books, Kavita Kosh Prastuti Tags: कविता कोश प्रस्तुति, कहानी
Author | Jayshankar Prasad |
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ISBN | 978-81-969813-4-1 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Pages | 152 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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