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कालजयी कहानियाँ (Kalajayi Kahaniyan / Edi. Krishna Kumar Prajapati)

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आज की तमाम कहानियों में बाह्य संघर्ष का चित्रण इतनी प्रमुखता से हो रहा है कि लगता है कि आज की हिन्दी कहानी का मनुष्य के अर्न्तलोक से कुछ भी लेना-देना नहीं रह गया है। हिन्दी कहानी का यह संतुलित विकास नहीं है, वह एकांगी और अधूरा है। इसीलिए कहानियों में छिछलापन आ गया है मनुष्य के अन्तर्बाह्य संघर्ष के चित्रण की संतुलित दृष्टिवाली कहानी ही सही कहानी मानी जानी चाहिए।
और इस तरह बिना किसी लाग-लपेट, तर्क-वितर्क, प्रशंसा-आलोचना के कुछ प्रतिष्ठित चर्चित कहानीकारों की कहानियों के साथ-साथ वर्तमान के कुछ चर्चित कहानीकारों की 24 कहानियों का यह एक गुलदस्ता 2024 में आपके सामने है।

ISBN

978-81-19231-90-4

Format

Hardcover

Author

Edi. Krishna Kumar Prajapati

Language

Hindi

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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