कल का मौसम बढ़िया होगा (Kal Ka Mausam Badhiya Hoga / Shahanshah Alam)

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शहंशाह आलम ने अपनी नई काव्यभाषा लंबे समय तक कविताई के बाद अर्जित की है। इसमें तत्सम का ठाट है तो उर्दू की ख़ूबसूरती भी है। इस कारण इनकी कविता की भाषा ताज़गी और जीवंतता से भरपूर है, जैसे खेत में लहराते सरसों, तीसी के फूल, वसंत में मोजराए आम।

Author

शहंशाह आलम

Format

Paperback

ISBN

978-81-961907-7-4

Language

Hindi

Pages

136

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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