आशा पांडेय ने अपने फ़िक्र के कैनवास पर भावनाओं के जो चित्र उकेरे हैं, वे आकर्षक हैं, सरस हैं और असरदार भी हैं। उनकी ग़ज़लों में उनका अपना चेहरा नज़र आता है। अपना अंदाज़-ए-बयां नज़र आता है।
आशा पांडेय ने अपने फ़िक्र के कैनवास पर भावनाओं के जो चित्र उकेरे हैं, वे आकर्षक हैं, सरस हैं और असरदार भी हैं। उनकी ग़ज़लों में उनका अपना चेहरा नज़र आता है। अपना अंदाज़-ए-बयां नज़र आता है।
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