‘इक्कीसवीं सदी की कुण्डलियाँ’ 62 प्रौढ़ एवं नवोदित कुण्डलियाकारों का संकलन है। विभिन्न विषयों पर लिखी इन कुण्डलियों में जहाँ समाजिक विमर्श है वहीं नीति, व्यंग्य और हास्य भी है। यह संकलन भावों की परिपक्वता और छंद के प्रति कवियों के लगाव का द्योतक है।
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इक्कीसवीं सदी की कुण्डलियाँ (Ikkisavi Sadi Ki Kundaliyan / Editer Dr. Bipinchandra Pandey)
₹249.00
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