‘हिन्दू हृदय सम्राट, महाराजा सुहेल देव’ प्रबंध काव्य आदरणीय दिनेश चन्द्र गुप्त का अनन्य ऐतिहसिक प्रणयन है जो पुरातन घटनाओं को छन्दोमयी वाणी से अभिषिक्त करता है। सोमनाथ के आँसू से हिन्दुराष्ट्र का गौरव लिखता है। महराजा सुहेल देव के बीज बिन्दु को विभिन्न उन्नतिशील उन्नयन को अपरिमित आकाश देता है। हासोन्मुख पतन को अपनी लेखनी की धार से मिटाकर भारती की अस्मिता का श्रृंगार करता है इसीलिए यह प्रबंध पुनः-पुनः पठनीय है।
-डॉ. रागिनी भूषण
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