डॉ. भावना के चुनिंदा अशआर (Dr. Bhawna Ke Chuninda Ashaar / Editor Vijay Kumar)

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डॉ. भावना अपने समय को लेकर बहुत सतर्क और संजीदा नज़र आती हैं। समाज के हर पहलू पर वो बहुत सजगता से विचार करते हुए अपनी बात बहुत ज़िम्मेदारी के साथ रखती हैं। मैंने इनके इस रचना संसार को प्रवृत्ति के अनुरूप 20 खण्डों में बाँटने का एक प्रयास किया है। इन प्रवृत्तियों से इस बात का सहज ही अंदाजा हो जाता है कि डॉ. भावना के ग़ज़लों का संसार और दृष्टि कितना व्यापक है। ऐसे में ,जरूरत थी एक ऐसे कार्य की, जिससे इनके शेरों को प्रवृत्ति के अनुसार एकत्रित किया जाये ताकि इनकी रचना की विविधता सामने आये। हिन्दी पाठक वर्ग इस रचनाकार के विविध दृष्टिकोण से परिचित हो पाए। आज हिन्दी ग़ज़ल के क्षेत्र में बहुत शोध हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में मेरा यह प्रयास उन शोधार्थियों के लिए भी सहायक हो सकता है।

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