चंद्रपाल सिंह यादव ‘मयंक’ की बाल-कविताएँ
‘चंदा की सैर’ नन्हे-मुन्नों को दी हुई सौगात है। बालमन के चतुर चितेरे मयंक जी की इन रचनाओं में बालक के सपनों की उड़ान से लेकर स्वप्न साकार करने तक के चित्र हैं। इनमें नभ के चाँद-सितारों को छूने का संकल्प भी है और उस संकल्प को साकार करने का साहस भी है। परोपकार, नैतिकता, ईमानदारी, मेहनत-लगन, पढ़ाई के प्रति लगाव सभी के चित्र यहाँ हैं। बालमन की चुहल और मस्ती से भरे गीत भी इस पुस्तक में उपस्थित हैं। तिरंगे के रंग से रँगी कविताएँ बच्चों के अंदर देशप्रेम की पावन भावना को बढ़ाने में सक्षम हैं। ऐसा लगता है मानो बच्चों की पूरी दुनिया इन कविताओं में सिमट आई है। बच्चे इन्हें गाते-गुनगुनाते नहीं थकेंगे। कुल मिलाकर मयंक बाल काव्य का नवनीत है यह पुस्तक। निःसंदेह इसे पाकर बच्चे खुशी से झूम उठेंगे।
– कामना सिंह
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