राघव के गीतों की मुख्य विशेषता है कि उनके गीत प्रत्येक व्यक्ति के मन के गीत हैं। उनके गीतों में जड़ों से कटकर अलग-थलग पड़़ जाने की पीड़ा है तो किसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु यत्र तत्र भटकते मन को लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित्त करने की प्रेरणा भी है।
इस संग्रह के गीत सामान्य मानवीय अनुभवों से जुड़ते हुए दिखाई पड़ते हैं। पाठक अपने स्वयं के जीवन को इन गीतों की यात्रा के माध्यम से देख सकते हैं। इस गीत संग्रह में राघव ने मन के कोने-कोने में दबे हुए भावों को गीत की सूरत प्रदान की है।
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