चढ़े पंख परवाज़ (Chadhe Pankh Parwaz / Dr. Manju Lata Shriwastava)

199.00

Minus Quantity- Plus Quantity+
Buy Now
Category: Tag:

डॉ. मंजु लता श्रीवास्तव की कविता कृति ‘चढ़े पंख परवाज़’ का अवगाहन करते हुए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उनकी कविताएँ दीर्घकालिक अनुभूति और चिंतन का परिणाम हैं। कवयित्री के मन में सामाजिक परिवर्तन के लिए नैतिक मूल्य चेतना से युक्त स्वस्थ समाज की परिकल्पना के साथ एक बेचैनी सदैव विद्यमान रही है। एक संवेदनशील व्यक्ति अपने संवादों, कथनों, आचरण एवं कर्मों से यत्नपूर्वक इस कार्य को करना चाहता है। अनेक इस बेचैनी को व्यक्त तो करना चाहते हैं किंतु भाषा और शिल्प उनका साथ छोड़ देते हैं क्योंकि हर रचनाकार वस्तु और शिल्प के स्तर पर क्लासिकी गरिमा का साहित्य लिख सके, यह आवश्यक नहीं।
प्रस्तुत कविता संग्रह के आधार पर जब हम रचनाकार के भाव लोक में प्रवेश करते हैं तब यह पाते हैं कि अधिकांश कविताएँ सामाजिक सरोकार से लैस हैं। यह सामाजिक पक्षधरता ही कवयित्री का मूल स्वर है।

Shopping Cart