विगत कुछ दशकों में हमारे देश ने आशातीत प्रगति की है। विकास के नये मानदण्ड स्थापित करते हुए हमारे समाज में कई विशिष्टताएँ परिलक्षित हुई हैं, साथ ही अनेक समस्याएँ भी। इन्हीं परिस्थितियों से उपजी हैं‘बियाबानों के जंगल’ की कहानियाँ। इन कहानियों के पात्र समक्ष आई नये परिवेश की विशिष्टताओं और समस्याओं से संघर्ष करते, समाधान तलाशते कहीं न कहीं उन पर विजय प्राप्त करते हुए मिलेंगे।
जीवन के परिवेश से जन्मी ये कहानियाँ कहीं आपको आह्लादित तो कहीं उद्वेलित करेंगी। कहानियों के पात्र मानव व मानवता का प्रतिनिधित्व करते हैं, किसी जाति-धर्म का नहीं। संग्रह की कहानियों में उपेक्षित, निर्धन व शोषित वर्ग के लोगों की समस्याओं, मनोभवनाओं का समुचित चित्रण करने में लेखिका नीरजा हेमेन्द्र ने किया है।
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बियाबानों के जंगल (Biyabano Ke Jangal / Neeraja Hemendra)
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(1 customer review)
₹299.00 ₹249.00
Pages | 152 |
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Author | नीरजा हेमेन्द्र |
ISBN | 978-81-968883-3-6 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
1 review for बियाबानों के जंगल (Biyabano Ke Jangal / Neeraja Hemendra)
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Saarthak –
A well written book