रामकथा के पात्रों ने जन-जन को प्रभावित ही नहीं किया है उन्हें दिशा-निर्देशित भी किया है। भरत का चरित्र आज भी हमारे समाज के लिए मिशाल की तरह है। उनका जीवन, उतना भ्रात प्रेम इस संस्कृति की उपलब्धि है। श्रीप्रकाश यादव ‘भोला’ जी ने सेना में कार्यरत रहते हुए जिस तन्मयता से, जितना डूबकर अपने प्रबंधकाव्य में भरत के चरित्र का वर्णन किया है वह अद्भुत है। भाव और उद्देश्य की दृष्टि से यह काव्य अनुपम प्रतीत होता है।
Author | Shriprakash Yadav 'Bhola' |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-9455-909-2 |
Language | Hindi |
Pages | 248 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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