‘भाभी का गहना’ अनिरुद्ध प्रसाद विमल का तीसरा कहानी-संग्रह है। विमल जी की कहानियों में इनका जीवनबोध ही मुख्य रूप से अभिव्यक्त हुआ है। इन्होंने गाँव को सिर्फ देखा ही नहीं, भोगा भी है। भोगे हुए सत्य की अभिव्यक्ति के कारण इनकी कहानियाँ सीधे हृदय को स्पर्श करती हैं। इनकी कहानियों में सिर्फ चिंताएँ नहीं, चिंतन भी है। इनमें वह प्रेम और विश्वास का मूल मंत्र है जो समाज को दिशा निर्देशित करता है। अपनी कहानियों में नारी चरित्र को दर्शाने में ये युगद्रष्टा कथाशिल्पी के रूप में स्थापित होते हैं।
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भाभी का गहना / अनिरुद्ध प्रसाद विमल
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Author | Aniruddh Prasad Vimal |
---|---|
Format | Paperback |
ISBN | 978-93-49947-66-5 |
Language | Hindi |
Pages | 104 |
Genre | कहानी |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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