बच्चों के सुपरमैन / सं. सुरेश सौरभ, रमाकान्त चौधरी

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‘बच्चों के सुपरमैन’ साझा बाल कविता संकलन के संपादन का गुरुत्तर दायित्व श्री सुरेश सौरभ व श्री रमाकांत चौधरी ने बखूबी निभाया है। बच्चों के सुपरमैन वे व्यक्ति होते हैं, जिनसे बच्चे अत्याधिक प्रभावित होकर उनके जैसा ही बनना चाहते हैं। अक्सर बच्चे माता-पिता, शिक्षक या अन्य प्रभावशाली व्यक्ति या फिल्मी हीरो से प्रेरणा लेकर उनके जैसे बहादुर, साहसी व लोगों के मददगार बनना चाहते हैं। वे सुपरमैन की तरह आत्मविश्वास से लबरेज, शक्तिशाली, नैतिक मूल्यों पर खरे उतरने व अपनी क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास रखते हुए अपनी कल्पनाशीलता व रचनात्मकता में उत्तरोत्तर वृद्धि करते रहते हैं। प्रथम तो उन्हें माँ की गोद में जो स्नेह, ममता, आश्रय सुरक्षा व समर्थन, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन मिलता है, वह कहीं अन्यत्र नहीं मिलता है। माँ बच्चों को लोरियाँ, महापुरुषों की जीवनियाँ सुनाकर उन्हें प्रगति पथ पर आरूढ़ करके उनका सही मार्गदर्शन करती रहती हैं। बच्चे बड़े होकर पुस्तकों के माध्यम से किसी की छवि को हृदय में रखकर अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं।
प्रस्तुत यह साझा बाल काव्य संग्रह उसी कसौटी पर 24 कैरेट सोने की तरह खरा उतरने का प्रयास करता है। “महाजनों येन गत: स पंथ:” अर्थात् जिस रास्ते पर महान लोग चलते हैं वहीं मार्ग ठीक है। महाभारत से लिया गया, यह श्लोक बताता है कि महापुरुष बच्चों के कोमल मन में स्थान लेकर उन्हें राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान हेतु प्रेरित करते हैं।

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