अर्थियाँ कब तक उठायें (Arthiyan Kab Tak Uthayen / Madhukar Ashthana )

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अष्ठाना जी की सम्वेदनशीलता, समकालीन समाज, जनजीवन, मानवीय-मूल्यों तथा संस्कृति की सूक्ष्म पारखी दृष्टि और अनुभव एवं अनुभूतियों की सशक्त अभिव्यक्ति का दर्पण है यह नवगीत संग्रह। ‘जीवन और छन्द’ में नवगीत चेतना के अनथक योद्धा मधुकर जी के शोधपरक-चिंतन एवं गहन-अध्ययन के दर्शन होते हैं। संस्कृति, मानव-जीवन, छन्द, नाद एवं संगीत की विशद व्याख्या तथा विश्लेषण पठनीय है।

Author

Madhukar Ashthana

Format

Paperback

ISBN

978-93-95432-30-6

Pages

176

Language

Hindi

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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