औरत कभी बदसूरत नहीं होती ( Aurat Kabhi Badsurat Nahi Hoti / Meena Shikha )

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मीना शिखा पिछले तीन दशकों से सृजन कर्म, कवि कर्म से जुड़ी हुई हैं। वे संवेदना और सरोकार की कवयित्री हैं। अपनी रचनाओं में रोजमर्रा के जीवन को केंद्र में रखकर, सामान्य आदमी के जीवन को बिंब बनाकर, स्त्री सशक्तीकरण को सार्थक स्वर देती हैं।

ISBN

978- 93-90135-04-2

Language

Hindi

Format

Hardcover

Author

मीना शिखा

Pages

108

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