अंतस् का आकाश ( Antas Ka Aakash / Shilpa Verma )

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शिल्पा वर्मा की कविताओं से ऐसा प्रतीत होता है जैसे छायावादी काव्य वाटिका की निश्चेतना में चैतन्य के पल्लव फिर से प्रस्फुटित हुए हैं। गद्य काव्य के कैनवास पर अनुपम शब्द चित्रांकन कर आकृष्ट किया है कवयित्री ने। रचनाओं के बिम्बात्मक एवम् प्रतीकात्मक दृष्टिकोण से की गई गढ़त अतुलनीय है। कल्पनाएँ शब्द सागर का अतल स्पर्श करके कविताओं में ढली हैं। इन कविताओं में अंतर्घटीय संवेदनाओं के ताल में जहाँ प्रणय के मराल विचरण करते हैं वहीं दूसरी ओर दहशत के बदनीयत घड़ियालों से सावधान भी करते हैं शब्द। नारी चेतना पर शब्दों का नाद मुखरित करते शब्द, तोड़ते हैं पुरुष के भ्रम को। पार करते हैं शठता की उस लक्ष्मण रेखा को जिसे सदियों से खींचता आया है पुरुष। काव्य संग्रह की अधिकतर रचनाएँ काव्य कौशल का बेहतरीन नमूना हैं। रचनाओं में सौंदर्य है। जो भी कहा गया है, सहज-सरल भावों में प्रवाहित हुआ है।

ISBN

978-81-972569-5-0

Author

शिल्पा वर्मा

Format

Paperback

Language

Hindi

Pages

112

2 reviews for अंतस् का आकाश ( Antas Ka Aakash / Shilpa Verma )

  1. Rated 5 out of 5

    Rahul Verma

    नारी विमर्श पर शानदार कविताएं।

  2. Rated 5 out of 5

    Abhishek Yadav

    बेहतरीन लिखा है, शिल्पा जी ने ।
    सोचने पर मजबूर कर देती है कविताएं कभी कभी, एक बार जरूर पढ़ें

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