हादसों का सफ़र ज़िंदगी (Hadson Ka Safar Zindagi / Amar Pankaj)

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अमर पंकज जी एक सुपरिचित ग़ज़लकार हैं। यह उनका दूसरा ग़ज़ल-संग्रह है। इन ग़ज़लों में जीवन के खुरदरे यथार्थ, सामजिक विसंगतियों, विडंबनाओं, राजनीतिक छल-छद्म और जनसाधारण की ज़िन्दगी की दुश्वारियों को प्रभावशाली अभिव्यक्ति मिली है। आज की ग़ज़ल प्रायः गाँव-गिराँव, किसान–मजदूर और उनकी बदहाली की बात बड़े ज़ोर-शोर से उठाती हैं। इन ग़ज़लों में भी खेत और खलिहान पर अश’आर मिलते हैं। आमफ़हम और आसान भाषा में कही गई होने के कारण ये सीधे दिलों तक पहुँचती हैं। इनमें दर्द और त्रासद समय के अनेक चित्र मौजूद हैं किन्तु इनकी विशेषता यह है कि इन सबके बावजूद भी ये ग़ज़लें उम्मीद बनाए रखने की पैरोकारी नहीं छोड़तीं। तभी तो पंकज जी ज़िन्दगी को हादसों का सफ़र बताते हुए भी यह कहना नहीं भूलते कि-
“ज़िन्दगी की जीत होगी आस बाक़ी है अभी।”

Author

अमर पंकज

Format

Hardcover

ISBN

978-93-49136-57-1

Language

Hindi

Pages

120

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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