‘हस्ताक्षर हृदय पर’ संभावनाएँ तलाशने वाला काव्य-संग्रह है, जो अपने आसपास की घटनाओं की जाँच-परख करता हुआ उजाले की ओर अग्रसर है।
कवि सागर के मन-मस्तिष्क में जो उमड़ता-घुमड़ता है, वही कागज पर कविताओं के रूप में उतर जाता है। शायद संग्रह की कविताओं में स्वाभाविकता का राज यही है। विचारों से भावों की ओर मुड़ते हुए कवि श्री विनोद शर्मा सागर कबीराना अंदाज में खरी-खरी सुनाते हैं।
Author | विनोद शर्मा 'सागर' |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-968883-5-0 |
Language | Hindi |
Pages | 120 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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