पकड़ा गया प्रभात (Pakda Gaya Prabhat / Dr. Ved Prakash Agnihotri)

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डॉ. वेद प्रकाश अग्निहोत्री अपनी गीतिकाएँ में बच्चों के संसार से ही शब्दों को उठाती हैं। बिम्ब, रूपक, प्रतीक और उपमानों से कवि को बिल्कुल गुरेज नहीं है पर वह उनके अनावश्यक प्रयोग से कविता को बोझिल भी नहीं बनाना चाहता।
सीधी किंतु सधी भाषा में काव्य सरिता का प्रवाह विमोहित करता है, बाँधता है और कवि मन के साथ-साथ चलने का आग्रह-सा करता मिलता है। यह संग्रह बाल मन के मोतियों को सजाये-संजोये वात्सल्य लोक का एक नया संसार सजाता है। सभी कविताएँ सहज ही आकृष्ट करती हैं और अपने शब्द संयोजन से हमारे भाव लोक को समृद्ध करती हैं।

Author

Dr. Ved Prakash Agnihotri

Format

Paperback

ISBN

978-81-983152-9-8

Language

Hindi

Pages

64

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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