गीत के गाँव में (Geet Ke Gaon Mein / Dr. ShyamSanehiLal Sharma)

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डॉ. श्यामसनेहीलाल शर्मा जी के सद्योजात गीत संकलन गीत के गाँव में अत्यंत रोचक माधुर्य विविधवर्णी आकर्षक गीतों का ऐसा मनहर गीत स्तवक है जिसमें जीवन के इंद्रधनुषी रंग हैं, जीवन-दर्शन, राष्ट्रभक्ति, अध्यात्म, सामाजिक सरोकार, समसामयिक, इष्टाराधन, प्रेम-शृंगार, नैसर्गिक सुषमा मंडित, मनभावन ऋतु गीतों के अतिरिक्त, आशा-विश्वास, प्रेरणा, सामाजिक जागरण, व्यक्तित्व वंदन और जिजीविषा की आनंदानुभूतियों से रसान्वित एक से बढ़कर एक सरस सुकोमल गीतों की छटा अभिदर्शनीय है।
इस गीत संकलन के सभी गीत खड़ी बोली हिंदी में विरचित सुंदर सार्थक रागात्मक प्रांजल निर्बाध व्यंजना और संप्रेषणीयता की दृष्टि से सर्वथा रुचिकर एवं भाव प्रवणता से संपन्न गीत सर्वथा पठनीय संग्रहणीय हैं।
वाणी वंदना से प्रारंभ गीत संग्रह का मंगलाचरण संपूर्ण जगत के कल्याण की कामना की प्रमाणित अभिव्यक्ति है। शब्द साधना की पगडंडी पर संवेदनशील कवि हृदय की गीत यात्रा पाठकों के साथ-साथ नवोदित गीतकारों की भी दिशा निर्देशिका है।
वरिष्ठ गीतकार समादरणीय डॉक्टर श्याम सनेहीलाल शर्मा जी के गीतों में कथ्य-भाव के साथ साथ निर्दुष्ट कला पक्ष, शिल्प-सौंदर्य भी उतना ही आकर्षक और अभिरम्य है। गीतों की परिनिष्ठ परिष्कृत भाषा की प्रांजलता, तरलता, बोधगम्यता, प्रभविष्णुता और सामासिकता गीतों की समुज्ज्वल छवि को सत्यम् शिवम् सुंदरम् के निकष पर निखारने में सहायक सिद्ध हुई है। गीत की भाषा का सबसे प्रधान गुण उसकी भावानुकूलता और उपयुक्त शब्द संयोजना का सिद्धहस्त विशिष्ट कौशल होता है जो आदरणीय डॉक्टर शर्मा जी के गीतों में स्वाभाविक रूप से विद्यमान है।
अभिधा-लक्ष्णा-व्यंजना शब्द शक्ति के साथ ही माधुर्य और प्रसाद गुणों की संपन्नता भी इस संग्रह के गीतों का उल्लेखनीय वैशिष्ट्य है, जो पाठक मन को अलौकिक आनंदानुभूति कराने में सर्वथा समृद्ध है।

Pages

112

Author

डॉ. श्यामसनेहीलाल शर्मा

Format

Paperback

ISBN

978-81-979684-7-1

Language

Hindi

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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