चांद अब हरा हो गया’ एक प्रेम कविता संग्रह है जिसके संयुक्त कवि और कवयित्री के. पी. अनमोल और अनामिका कनोजिया प्रतीक्षा हैं।
इस संग्रह में प्रेम का शायद ही कोई व्यक्तिगत तथ्य या स्थिति हो जिसे हमने कभी नहीं महसूस किया हो। इन कविताओं की सार्थकता इसी में हैं पढ़ते समय इनसे एक जुड़ाव सा महसूस होता है। प्रेममय माहौल और उस संतुलन को जिनसे प्रेम-अभिव्यक्ति और कोमल-भावनाएँ उभरती हैं, उसी को शब्दों में बांधकर काव्य रूप में प्रस्तुत किया गया है।
यह संग्रह विभिन्न भावनाओं और विचारों को एक साथ ढालता है जिनसे प्रेम की सराहना किया गया है। लेखकों ने शब्दों के माध्यम से इस प्रेम कविता संग्रह में उन भावनाओं को व्यक्त किया है जिनसे प्रेम का सच्चाई और गहरापन सहजता से समझ में आता है।
इन कविताओं में भावों सुंदर चित्रण, अद्वितीय भावनाएँ और रचना का मुक्त-छंद स्वरूप होने के कारण यह संग्रह पठनीय है। प्रेमी हृदयों के बीच का जो भी संदेश हो, यह कविताएँ उन्हें सुंदरता और मधुरता के साथ एक दूसरे तक पहुँचाती हैं।
इन कविताओं का पाठ प्रेम के विभिन्न पहलुओं को समझने और आनंद उठाने में मदद कर सकता है। यह कविता संग्रह न केवल प्रेम के महत्व को उजागर करता है, बल्कि हमें उन रोमांचित क्षणों तक भी ले जाता है जिन्हें हमने कभी सोचा तो होगा लेकिन उसे कहने के लिए शब्द न तलाश पाए होंगे। संग्रह पढ़कर आपको काव्य की उच्चता और शब्दों के सौंदर्य बोध का लाभ उठाने का आनंद मिलेगा।
संग्रह अतुकांत कविताओं का है, जिसमें तीन खंड हैं। पहला है सिर्फ तेरे लिए- जो प्रतीक्षा और अनमोल ने उत्तर प्रतिउत्तर के तौर पर लिखा है। दूसरा खंड कुछ तेरा जो मेरा है- ये प्रतीक्षा का लिखा है और तीसरा खंड- तुम्हारे लिए अनमोल ने लिखा है इसमें कुछ ग़ज़लें भी हैं।
-चित्रगुप्त
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