गीत जीवन का शाश्वत संगीत है। गीत हृदय के चातक भाव को स्वाति बूँद की तरह तृप्ति प्रदान करते हैं जहाँ बौद्धिक विमर्श भी हृदय की सत्ता स्वीकार करते हैं। साधना सिंह गीत की इन विशेषताओं से सर्वथा परिचित हैं। संवेदनाओं की अभिव्यक्ति में उनके गीत अनूठे हैं। राग और अनुराग के तटों के बीच उनकी भाव सरिता जीवन के उत्थान-पतन को झेलते अपने लक्ष्य तक पहुँचती है। भक्ति भाव से प्रारम्भ हुए ये गीत कहीं प्रेमासक्त दिखाई देते हैं तो कहीं मातृत्व की पूँजी लुटाते हैं। समकालीन समय की अभिव्यक्ति और चिन्तनशील विचारों का प्रगटीकरण इन गीतों को समसामयिकता भी प्रदान करता है। ‘मौन अधर के गीत’ संग्रह के गीत भावों के रसों के मधु परिपाक से पगे और अंतश्चेतना से निसृत हैं।
– शारदा सुमन
सहनिदेशक, कविता कोश
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