सोरठा-सौरभ रमाकान्त सिंह ‘शेष’ द्वारा लिखे गये सोरठाओं का संग्रह है। संग्रह में स्षष्ट दिखाई देता है कि कवि का अनुभव क्षेत्र कितना विस्तृत है। ‘सोरठा-सौरभ’ में इन्होंने जीवन के आवश्यक पक्ष को गंभीरतापूर्वक चुना और अपनी राय दी है। साधक, साधना को स्वीकार किया तो सामान्य व्यक्ति की तरह यह भी स्वीकारा है कि “यह बाहर की खोज, बहुत हो गयी, क्या मिला”। संक्षेप में एक आम आदमी की चिंतन धारा की सहज प्रस्तुति है, यह पुस्तक। भाषा के स्तर पर भी इसे अभिजात्य नहीं होने दिया गया जो विशेष उपलब्धि मानी जाएगी।
Author | रमाकान्त सिंह ‘शेष’ |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-973380-9-0 |
Language | Hindi |
Pages | 104 |
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