डॉ. पंकज कर्ण संजीदा ग़ज़लकार हैं। ग़ज़लों के माध्यम से सामाजिक यथार्थ का चित्रण करना उनकी विशेषता रही है। बीसवीं सदी के विध्वंस एवं निर्माण की बुनियाद पर स्थापित इक्कीसवीं सदी के दो दशकों की अपेक्षाओं को मुखरित करती डॉ. पंकज कर्ण की ग़ज़लों में उनके द्वारा अर्जित ग़ज़ल की सूझ-बूझ एवं मानवीय शाश्वत मूल्य का परिचय मिलता है। सरल शब्द-शैली में कही गयी इनकी ग़ज़लों में अनोखा प्रवाह है।
Author | डॉ. पंकज कर्ण |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-93-49136-16-8 |
Language | Hindi |
Pages | 120 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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