वक्त का तकाजा है (Waqt Ka Taqaza Hai / Nandi Lal)

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‘वक्त का तकाजा है’ मानवीय संवेदनाओं से लबरेज गजलों का एक अनुपम संग्रह है, जिसके रचनाकार नंदीलाल ‘निराश’ जी हैं। प्रस्तुत संग्रह में जीवन और जगत के बहुतेरे रंग बिखरे पड़े हैं। सामाजिक विसंगतियों की बखिया उधेड़ती इस पुस्तक में न केवल देश और समाज के बहुतेरे चित्र हैं अपितु प्रेम और सौंदर्य का भी बड़ा व्यापक चित्रण हुआ है। आज मानवता का अवमूल्यन हो रहा है, संवेदनाएँ दरक रही हैं। कदम-कदम पर मनुष्य अपने ही हाथों से मनुष्यता का गला घोंट रहा है।’ प्रस्तुत संग्रह की गजलें इसी गुम हो चुकी आदमियत की टोह लेती हैं।
राम नाथ ‘बेखबर’

Pages

108

Author

नंदी लाल

Format

Paperback

ISBN

978-81-19590-57-5

Language

Hindi

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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