कवयित्री सुरेखा यादव एक ऐसी कवयित्री हैं जिनकी रचनाओं में बच्चों सा भोलापन, हृदय की कोमलता, ममता का सागर और संसार के खट्टे-मीठे अनुभवों का सार प्रत्यक्ष रूप में झलकता हुआ नजर आता है।
सुरेखा जी की कविताएँ एक और यदि अध्यात्म की बात करती हैं तो दूसरी ओर राष्ट्र की एकता अखंडता की भी चिंता करते हुए बड़ी निडरता के साथ वर्णन करती हैं।
Reviews
There are no reviews yet.